शरद पवार का इस्तीफा, निराशा या मास्टरस्ट्रोक?
NCP प्रमुख के पद से शरद पवार के इस्तीफे ने ना सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं को हैरान किया बल्कि महाराष्ट्र में उनके साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों के लिए भी ये फैसला स्तब्ध करने वाला था. हालांकि, पवार के इस फैसले के कुछ घंटे बाद ही उनके भतीजे अजित पवार ने ये साफ कर दिया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग पर शरद पवार ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है. उन्होंने इसके लिए दो से तीन दिनों का समय भी मांगा है.
एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने किया ऐलान
शरद पवार ने आज एक कार्यक्रम के दौरान जैसे ही अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की, उसके बाद ही उनके समर्थक इस फैसले के विरोध में नारे लगाने लगे. कुछ लोगों ने ऑडिटोरियम से बाहर निकलकर धरना देने लगे. इसके बाद शरद पवार ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्होंने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है लेकिन वो पार्टी के आगे भी काम करते रहेंगे. इसके बाद ही कार्यकर्ता शांत हुए.
पार्टी के अंदर की खींचतान बनी वजह?
शरद पवार के इस फैसले को लेकर अब कई तरह की बातें हो रही हैं. कुछ लोग इसे बीते कुछ दिनों से पार्टी के भीतर चल रही खींचतान का नतीजा बता रहे हैं.ऐसे लोगों का कहना है कि शरव पवार इन चीजों से खासे निराश थे. इसलिए उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया. जबकि कुछ लोग उनके इस कदम को एक नया मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं.
"फैसले को मानना चाहिए"
इन सब के बीच अजित पवार ने पार्टी नेताओं से कहा कि कुछ दिन पहले पवार साहेब ने खुद मुझसे बात की थी और कहा था कि अब समय आ गया है जब पार्टी का बागडोर किसी और की दी जाए. ऐसे में हम सभी कार्यकर्ताओं को उनके इस फैसले को उनकी उम्र और सेहत के परिपेक्ष में भी देखना चाहिए. समय के साथ-साथ हर किसी को निर्णय लेना पड़ता है. पवार साहेब ने भी फैसला लिया है और वो इसे वापस नहीं लेंगे.
शाम में पवान ने दिया था अलग बयान
हालांकि, मंगलवार शाम को अजित पवार ने पार्टी नेताओं से कहा था कि शरद पवार ने कहा कि मैंने निर्णय लिया है लेकिन मैं इसपर पुनर्विचार करूंगा. और मुझे इसके लिए दो से तीन दिन का समय चाहिए. पवार साहेब के इस्तीफे के बाद पार्टी के कुछ और नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. ये रुकना चाहिए.
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